हाल ही में ईरान में 8 सेलिब्रिटीज को सोशल मीडिया में मॉडलिंग की फोटोज शेयर करना भारी पड़ गया। इन सभी पर इस्लाम विरोधी संस्कृति का प्रचार-प्रसार करने के आरोप में सलाखों के पीछे धकेल दिया गया। ईरान में शरिया कानून के अनुसार महिलाओं को हिजाब में रहना जरूरी है। शरिया कानून के खिलाफ जाने वाले शख्स को सख्त सज़ा दी जाती है।
हालांकि, ईरान 70 के दशक से पहले तक ऐसा नहीं था। यहां ठीक इसके उलट स्थिति थी।वेस्टर्न देशों से भी ज्यादा मॉडर्न था ईरान...
- इस्लामिक क्रांति के पहले ईरान में वेस्टर्न कल्चर का काफी प्रभाव था।
- यहां पहनावे, खान-पान व जीन के अंदाज में किसी भी तरह का कोई प्रतिबंध नहीं था।
- कला, साहित्य और फिल्मों का भी यहां काफी बोलबाला था।
- यहां पहनावे, खान-पान व जीन के अंदाज में किसी भी तरह का कोई प्रतिबंध नहीं था।
- कला, साहित्य और फिल्मों का भी यहां काफी बोलबाला था।
इस्लामिक क्रांति के बाद लागू हुआ शरिया कानून
- 1979 में ईरान के शाह मोहम्मद रेजा पहलवी को सत्ता से हटा दिया गया।
- हालात ये थे कि शाह मोहम्मद को सत्ता ही नहीं, देश छोड़ने पर भी मजबूर होना पड़ा।
- इसके बाद अयातुल्लाह खमैनी के नेतृत्व में ईरान में इस्मालिक राज्य की स्थापना हुई और शरिया कानून लागू कर दिया गया।
- 1979 में ईरान के शाह मोहम्मद रेजा पहलवी को सत्ता से हटा दिया गया।
- हालात ये थे कि शाह मोहम्मद को सत्ता ही नहीं, देश छोड़ने पर भी मजबूर होना पड़ा।
- इसके बाद अयातुल्लाह खमैनी के नेतृत्व में ईरान में इस्मालिक राज्य की स्थापना हुई और शरिया कानून लागू कर दिया गया।